Swami Darshanand Gurukul
उद्देश्य और दृष्टि
उद्देश्य
- यह आध्यात्मिक अनुष्ठान व्याकरण, दर्शन, वेद, उपनिषद, भारतीय वास्तविक इतिहास और राजकार्य आदि विभिन्न
विषयों और क्षेत्रों से सम्बन्धित सत्यनिष्ठ विद्वानों को तैयार करने पर आधारित है, जो सामाजिक, आध्यात्मिक,
आर्थिक, वैज्ञानिक और राजनैतिक पहलुओं में अद्वितीय नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम हो।
- पूर्ण जागृत एवं पूर्ण सक्षम आत्माओं को तैयार करके एक ऐसे प्रबुद्ध और समर्थ परिवार, समाज, राष्ट्र एवं
विश्व का निर्माण करना जो शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं वैज्ञानिक रूप से
विकसित हो।
- ऐसे बुद्धिजीवी और राष्ट्रीय व्यक्तित्व तैयार करना जो प्रबन्धन, रक्षा, पशासनिक सेवाएं, चिकित्सा, खेल,
कला, संगीत, नाटक, कृषि, उद्योग, अनुसंधान आदि विभिन्न क्षेत्रों में नये कीर्तिमान स्थापित कर सकें।
दृष्टि
- स्वामी दर्शनानन्द गुरुकुल का लक्ष्य एक परिवर्तनकारी शिक्षण पारिस्थितिकी तन्त्र बनाना है, जहाँ छात्र
वैदिक ज्ञान की गहराई और समकालीन शिक्षा की व्यापकता को आत्मसात कर प्राचीन ज्ञान के पथप्रदर्शक और आधुनिक
प्रगति के अग्रदूत की भूमिका का निर्वहन कर सकें।
- समग्र विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और मानव विरासत के प्रति गहरी श्रद्धा के साथ ऐसे व्यक्तित्व को
विकसित करना, जो मानवता के लिए एक सामंजस्यपूर्ण, समृद्ध और समावेशी भविष्य को आकार दे सकें।
- ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण करना जो अपने कौशल, प्रतिभा, आदर्श, मूल्य और दृष्टिकोण से वैश्विक चुनौतियों
का समाधान खोजने के प्रति संकल्पित हो।